'मेरी स्मृतियों में तुम बहुत साफ़-साफ़ मौजूद हो। मेरे सपनों में तुम बिल्कुल सच हो, तुम मेरी हो। तुम्हारे होंठ दोबारा मेरे होंठों को पा लेते हैं। तुम्हारी जीभ उतनी ही चंचल है, जितनी मेरी यादों में। तुम्हारे व्यवहार में कामुकता है और उत्सुकता भी। तुम्हारी हंसी जोश और जवानी से भरी हुई है। तुम्हारे हाथ कितने खोजी और कुतूहल से भरे हैं। तुम्हारे चुंबनों में एक ज़िद और आग्रह है। तुम्हारी देह लालसा से भरी हुई है, लेकिन उसमें समर्पण का भाव भी है। मैं अपने तने हुए हथियार के इर्द-गिर्द तुम्हारी गर्मी को महसूस करता हूं। मैं महसूस करता हूं कि तुम्हारी गीली, फिसलती हुई योनि के इर्द-गिर्द मेरी उंगलियां हैं, मैं महसूस कर रहा हूं कि कैसे तुमने मुझे चारों ओर से जकड़ रखा है और ऑर्गाज़्म के ठीक पहले मुझे कसकर पकड़ रही हो।' यह लघु कथा स्वीडन की फ़िल्म निर्माता एरिका लस्ट के सहयोग में प्रकाशित की गई है। उनकी मंशा जानदार कहानियों और कामुक साहित्य की चाशनी में जोश, अंतरंगता, वासना और प्यार में रची-बसी दास्तानों के ज़रिए इंसानी फ़ितरत और उसकी विविधता को दिखाने की है।