'...उसका होना मुझे दुविधा और भ्रम में डाल रहा था।अपने अंदर की तेज़ उत्तेजना को सुन कर, मैंने अपना ड्रेस सर के ऊपर से निकाला और फ़र्श पे फेंक दिया। मेरे निक्कर पसीने और कामना से गीले हो चुके थे। मैंने उन्हें नीचे सरका दिया और वे ड्रेस के पास ही कपड़े के ढेर में जा मिले।शीशे की वो खिड़कियाँ मेरी नंगी छातियों को ठिठुरा रही थीं और मेरे बदन की गहराई में तनाव बढ़ रहा था।मेरे सारे ख़्याल इस जवान आदमी के बदन, उसकी अनुभवी हरकतें, और उसकी मज़बूत मांसपेशियों के इर्द-गिर्द ही नाच रहे थे।' यह कहानी स्वीडिश फ़िल्म निर्माता एरिका लस्ट के सहयोग से प्रकाशित हुई है।उनका इरादा जानदार कहानियों और कामुक साहित्य की चाशनी में जोश, अंतरंगता, वासना और प्यार में रची-बसी दास्तानों के ज़रिए इंसानी फ़ितरत और उसकी विविधता को दिखाने का है।